दुनिया की हर माँ अपने बेटे को,लोरी सुनाकर सुलाये,
एक है माँ जिनवाणी को लोरी सुनाकर जगाये।
हो रे हो मेरे लाल....(2)
ये दिन कब जायेगा,वो दिन कब आएगा मेरा लाल अँखियाँ खोलेगा होगा दुनिया में शोर मेरे ममता के बोल,मेरा लाल मुख से बोलेगा....आ मेरी गोद में(2)
माँ तुझे तुझसे परिचित कराये, लोरी सुनाकर जगाये।
हो रे हो मेरे लाल....
गोद मेरी मिली आँख तेरी खुली मेरे लाल अब तू सोना न,जन्म लेना नही मृत्यु पाना नहीं मेरे लाल अवसर खोना न,अब बढ़ाना न माँ(2)मौत तुझको कभी भी न आये लोरी सुनाकर जगाये।
हो रे हो मेरे लाल....
रूप ज्ञायक तेरा तुझमे सम्यक भरा मेरे लाल तू शिव साधक है,ये स्वभाव तेरे-तेरे अंदर रहे,मेरे लाल तू आराधक है,मुक्ति तेरी दुल्हन(2)जो स्वयंबर में तुझको बुलाये लोरी सुनाकर जगाये।
हो रे हो मेरे लाल....
सिद्ध बाबा तेरे आप्त तेरे पिता मेरे लाल उनसे मिलना तू, मैं हूँ जिनकी किरण वो है तारण-तरण मेरे लाल उन संग रहना तू, वे स्वयं में रहे(2) तू स्वयं में स्वयं घर बनाये, लोरी सुनाकर जगाये।
हो रे हो मेरे लाल.....
दृष्टि नासाग्र हो भाव वैराग्य हो मेरा नाम त्रिभुवन स्वामी हो,जग में रहता भी हो पर हो जग से अलग मेरा नाम अंतर्यामी हो,है यही भावना लाल बनके तू ऐसा दिखाये,लोरी सुनाकर जगाये।
हो रे हो मेरे लाल....
दुनिया की हर माँ अपने बेटे को लोरी सुनाकर सुलाये,एक है माँ जिनवाणी जो लोरी सुनाकर जगाये।
लोरी सुनाकर जगाये,लोरी सुनाकर जगाये......
।।समाप्त।।
।।जय जिनेन्द्र।।
दुनिया की हर माँ अपने बेटे को -जिनवाणी स्तुति
https://youtu.be/5hRaTuEtkqM
Subscribe My Channel Jinvani Gyan
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें