श्री वीतरागाय नम:
श्री विद्यासागराय नम:
।।गुणस्थान।।
गुणस्थान में उतरने चढने का मार्ग
* पहले गुणस्थान ऊपर गमन के चार मार्ग है | पहले से तीसरे, चौथे, पांचवें, और सातवें गुणस्थान में जा सकते हैं |
* दूसरे गुणस्थान से ऊपर के गमन का एक भी मार्ग नही है | नीचे का एक ही मार्ग पहला गुणस्थान है |
* तीसरे गुणस्थान से ऊपर के गमन का एक ही मार्ग चौथा गुुणस्थान है | नीचे के गमन का एक ही मार्ग पहला गुणस्थान है |
* चौथे गुणस्थान से ऊपर के गमन के दो मार्ग पाँचवा और सातवा गुणस्थान है | नीचे के गमन तीन मार्ग तीसरा, दूसरा, पहला गुुणस्थान है |
* पांचवे गुणस्थान से ऊपर के गमन के एक ही मार्ग सातवा गुणस्थान है | नीचे के गमन के चार मार्ग चौथे, तीसरे, दूसरे ,पहला गुुणस्थान है
* छट्ठवें गुणस्थान से ऊपर के गमन के एक ही मार्ग सातवा गुणस्थान है | नीचे के गमन के पांच मार्ग - पांचवें, चौथे, तीसरे, दूसरे, पहला गुुणस्थान है |
* सातवें गुणस्थान (उपशम श्रेणी के सन्मुख) से ऊपर गमन के एक ही मार्ग आठवां गुणस्थान है | नीचे के गमन के दो ही मार्ग छट्ठवा गुणस्थान और मरण अपेक्षा चौथा गुणस्थान है |
* आठवें गुणस्थान (उपशम श्रेणी) से ऊपर के गमन का एक ही मार्ग नवमा गुणस्थान है | नीचे की और गमन के दो मार्ग सातवा गुणस्थान और मरण की अपेक्षा चौथा गुणस्थान है |
* नवमा गुणस्थान (उपशम श्रेणी) से ऊपर का एक ही मार्ग दशवा गुणस्थान है | नीचे के गमन के दो मार्ग आठवां गुणस्थान और मरण की अपेक्षा चौथा गुुणस्थान है |
* दशवें गुणस्थान (उपशम श्रेणी) से ऊपर के गमन के एक ही मार्ग ग्यारहवाँ गुणस्थान है | नीचे के गमन के दो मार्ग नवमा गुणस्थान और मरण की अपेक्षा चौथा गुणस्थान है |
* ग्यारहवें गुणस्थान से ऊपर के गमन का एक भी मार्ग नही है नीचे के गमन के दो मार्ग दशवा गुणस्थान और मरण की अपेक्षा चौथा गुणस्थान है |
सातवें गुणस्थान क्षपक श्रेणी वाले के ऊपर आठवें, नवमें, दशवें, बारहवें, तेरहवें चौदहवें गुणस्थान में (सिद्ध) इस प्रकार ऊपर के ही मार्ग है | क्षपकश्रेणी वाला केनीचे के एक भी मार्ग नही है |
* दूसरा और छट्ठा गुणस्थान गिरते समय ही होता है |